पर्यावरण पर प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है। प्रदूषण मानव जाति के लिए एक ऐसी संकट बन कर आया है जिसमें से बाहर निकल पाना असंभव सा लग रहा है।
प्रदूषण पर कुछ भी आगे बढने से पहले हमें यह समझना होगा कि 250 - हजार वर्षों के बाद यह हमारी पृथ्वी बनी है। इस लिए हमें इसे बचाना होगा - प्रदूषण से।
प्रस्तावना -
प्रदूषण मानव जाति के लिए ऐसी समस्या है जो मानव ने खुद ही पैदा किया है मतलब यह पहले इस धरती पर नहीं था लेकिन मानव की बढ़ती हुई तरक्की, टेक्नोलॉजी बढ़ते विज्ञान के चमत्कार के कारण मानव भूल गया कि वह पर्यावरण को कितनी बड़ी समस्या में ढकेल रहा है।
जरूर पढ़े :-
हिन्दी गिनती चार्ट १-१००
विलोम शब्द हिन्दी में
पर्यावरण को प्रदूषित कर हम अच्छा नहीं कर रहे है। इसका खामियाजा भुगतना हमी को पडेगा।
प्रदूषण पर हम जितना चिंतन करे वह हिंदी भाषी लोग हो या फिर अंग्रेजी, तमिल यानी सभी लोगों को प्रदूषण का सामना करना पड़ेगा।
वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण, ध्वनि-प्रदूषण,
मृदा-प्रदूषण, और आज एक नए किस्म का प्रदूषण भी देखते है जो है इलेक्ट्रॉनिक-प्रदूषण।
हां यह कहना गलत नहीं होगा कि हम तेजी से बढ़ रहे समाज में रहते है इसीलिए और अधिक प्रदूषण बढऩे की आशंका है।
हम यदि आपने किसी भी बड़े शहर जैसे - मुंबई, दिल्ली, चेन्नई आदि जगह गए हो तो आप यह देखे होगे कि हर व्यक्ति ने एक माक्स पहन कर रहते है क्योंकि वहां की हवा प्रदूषित है और यही वायु प्रदूषण है।
वायु प्रदूषण के बाद हम बात करते है जल प्रदूषण (water pollution)
आज नदी खुखने लगे है। दिल्ली के यमुना नदी का पानी प्रदूषित है। नदियों का पानी पीने योग्य नहीं है क्योंकि उस पानी मे हमे बिमार कर ने वाले जानलेवा किटाणु होते है।
जल-प्रदूषण होने के कारण नदियों, तालाबों में पशुओं - जानवरों को धोना, कपड़े उसी में धोना, मल त्यागना घरो से पाईप द्वारा, कल कारखानों का अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए जल का नुकसान करना, और अधिक कारण है जल प्रदूषण के।
इलेक्ट्रॉनिक प्रदूषण
आज एक नई तरह की प्रदूषित करने का कारण उभरा है वह है इलेक्ट्रॉनिक प्रदूषण यानी electronic Pollution
यह कंप्यूटर, मोटर, आदि के बेकार भाग होते है जो पर्यावरण के लिए बहुत ही घातक है।
इसलिए पर्यावरण संरक्षण के लिए इसके रोकथाम की आवश्यकता है।
प्रदूषण होने के कई कारण हम दे सकते है जैसे :-
अनावश्यक रूप से जल का अपव्यय करना जिससे जल प्रदूषित और कम होता है, मोटर वाहन से उंची आवाज निकलना जिससे ध्वनि-प्रदूषण होता है, आदी बहुत से कारण है जिससे प्रदूषण होता है।
पेड़-पौधों की कटाई इतनी अधिक हो रही है कि Pollution बढ़ता ही जा रहा है।
प्रदूषण को रोकने के लिए हम अधिक पेड़ लगा सकते है जो एक बहुत ही अच्छा तरीका है प्रदूषण कम करने का। हम अपने दैनिक काम जैसे जहां पानी की जितनी जरूरत हो उसका उतना ही उपयोग करे, डी जे आदि अधिक आवाज करने वालो को कम से कम उससे काम के।
इससे प्रदूषण कम धीरे धीरे होने लगेगा।
निश्कर्ष प्रदुषण पर हिन्दी में निबंध :-
मेने आपकी ही हिन्दी भाषा में pollution essay प्रदूषण पर निबंध दिया है जो आपको 10 class, 9 class के लिए और सभी के लिए है।
आप अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करे और आप अपने बारे में कमेन्ट कर सकते है।
धन्यवाद
प्रदूषण पर कुछ भी आगे बढने से पहले हमें यह समझना होगा कि 250 - हजार वर्षों के बाद यह हमारी पृथ्वी बनी है। इस लिए हमें इसे बचाना होगा - प्रदूषण से।
Pollution in hindi essay |
प्रदूषण निबंध (essay hindi)
प्रस्तावना -
प्रदूषण मानव जाति के लिए ऐसी समस्या है जो मानव ने खुद ही पैदा किया है मतलब यह पहले इस धरती पर नहीं था लेकिन मानव की बढ़ती हुई तरक्की, टेक्नोलॉजी बढ़ते विज्ञान के चमत्कार के कारण मानव भूल गया कि वह पर्यावरण को कितनी बड़ी समस्या में ढकेल रहा है।
जरूर पढ़े :-
हिन्दी गिनती चार्ट १-१००
विलोम शब्द हिन्दी में
पर्यावरण को प्रदूषित कर हम अच्छा नहीं कर रहे है। इसका खामियाजा भुगतना हमी को पडेगा।
प्रदूषण पर हम जितना चिंतन करे वह हिंदी भाषी लोग हो या फिर अंग्रेजी, तमिल यानी सभी लोगों को प्रदूषण का सामना करना पड़ेगा।
प्रदूषण के प्रकार :-
वैसे प्रदूषण के कई रूप होते है जिनमे महत्वपूर्ण को हम ऐसे प्रकार दे सकते है :-वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण, ध्वनि-प्रदूषण,
मृदा-प्रदूषण, और आज एक नए किस्म का प्रदूषण भी देखते है जो है इलेक्ट्रॉनिक-प्रदूषण।
हां यह कहना गलत नहीं होगा कि हम तेजी से बढ़ रहे समाज में रहते है इसीलिए और अधिक प्रदूषण बढऩे की आशंका है।
वायु-प्रदूषण हिन्दी निबंध
हम यदि आपने किसी भी बड़े शहर जैसे - मुंबई, दिल्ली, चेन्नई आदि जगह गए हो तो आप यह देखे होगे कि हर व्यक्ति ने एक माक्स पहन कर रहते है क्योंकि वहां की हवा प्रदूषित है और यही वायु प्रदूषण है।
वायु प्रदूषण के बाद हम बात करते है जल प्रदूषण (water pollution)
वाटर पोय्लूसन जल प्रदूषण
आज नदी खुखने लगे है। दिल्ली के यमुना नदी का पानी प्रदूषित है। नदियों का पानी पीने योग्य नहीं है क्योंकि उस पानी मे हमे बिमार कर ने वाले जानलेवा किटाणु होते है।
जल-प्रदूषण होने के कारण नदियों, तालाबों में पशुओं - जानवरों को धोना, कपड़े उसी में धोना, मल त्यागना घरो से पाईप द्वारा, कल कारखानों का अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए जल का नुकसान करना, और अधिक कारण है जल प्रदूषण के।
इलेक्ट्रॉनिक प्रदूषण
आज एक नई तरह की प्रदूषित करने का कारण उभरा है वह है इलेक्ट्रॉनिक प्रदूषण यानी electronic Pollution
यह कंप्यूटर, मोटर, आदि के बेकार भाग होते है जो पर्यावरण के लिए बहुत ही घातक है।
इसलिए पर्यावरण संरक्षण के लिए इसके रोकथाम की आवश्यकता है।
प्रदूषण होने के क्या कारण है?
प्रदूषण होने के कई कारण हम दे सकते है जैसे :-
अनावश्यक रूप से जल का अपव्यय करना जिससे जल प्रदूषित और कम होता है, मोटर वाहन से उंची आवाज निकलना जिससे ध्वनि-प्रदूषण होता है, आदी बहुत से कारण है जिससे प्रदूषण होता है।
पेड़-पौधों की कटाई इतनी अधिक हो रही है कि Pollution बढ़ता ही जा रहा है।
प्रदूषण को कैसे रोके
प्रदूषण को रोकने के लिए हम अधिक पेड़ लगा सकते है जो एक बहुत ही अच्छा तरीका है प्रदूषण कम करने का। हम अपने दैनिक काम जैसे जहां पानी की जितनी जरूरत हो उसका उतना ही उपयोग करे, डी जे आदि अधिक आवाज करने वालो को कम से कम उससे काम के।
इससे प्रदूषण कम धीरे धीरे होने लगेगा।
निश्कर्ष प्रदुषण पर हिन्दी में निबंध :-
मेने आपकी ही हिन्दी भाषा में pollution essay प्रदूषण पर निबंध दिया है जो आपको 10 class, 9 class के लिए और सभी के लिए है।
आप अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करे और आप अपने बारे में कमेन्ट कर सकते है।
धन्यवाद
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